हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) के मल्टीपल प्लाॅट अलाॅटमेंट मामले में दर्ज एफआईआर पर आगे कार्रवाई न करने के सरकार के फैसले को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दे दी गई है। इस संबंध में अर्जी दायर कर कहा गया कि कुछ चहेते लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने सभी के खिलाफ एफआईआर होने के बावजूद आगे कार्रवाई न करने का फैसला ले लिया। वकील एचएस सेठी की तरफ से अर्जी दायर कर कहा गया कि सरकार का यह फैसला हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट एक्ट की अनदेखी है।
इस सारे मामले में कुछ बड़े अधिकारियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार नहीं चाहती कि उनके कुछ पसंदीदा अधिकारियों पर इस मामले में कार्रवाई हो। इनमें एक आईएएस अधिकारी और उसकी पत्नी भी शामिल है। सेठी मल्टीपल अलाॅटमेंट केस में कुछ आरोपियों की तरफ से कोर्ट में पेश हुए थे। नियमों की अनदेखी कर एक से ज्यादा प्लाॅट एक ही व्यक्ति के नाम अलाॅट करने के मामले में हाईकोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी में भी सेठी को सदस्य रखा गया था। हुडा की वर्ष 1983 से अलाट किए लगभग तीन लाख प्लाट अलाटमेंट के इस मामले पर हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है। हुडा की पाॅलिसी के तहत एक व्यक्ति को एक ही प्लाॅट अलाॅट किया जा सकता है, जबकि मौजूदा मामलों में एक ही व्यक्ति को एक से ज्यादा प्लाॅट अलाॅट किए गए।
अर्जी में कहा गया कि हुडा एक से ज्यादा प्लाॅट हासिल करने वालों पर कार्रवाई नहीं करना चाहता, क्योंकि इसमें कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी भी शामिल हैं। यह हाईकोर्ट के एफआईआर दर्ज करने के निर्देशों की अनदेखी है। ऐसे में अदालत की अवमानना भी है। बता दें कि हाईकोर्ट ने 18 जनवरी को इस मामलों में अलाॅटियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। हरियाणा सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हुडा को हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने पर रोक लगा दी थी।